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desh prem shayri

मस्जिद तो हुई हासिल हमको,
खाली ईमान गंवा बैठे ।
मंदिर को बचाया लढ-भीडकर,
खाली भगवान गंवा बैठे ।
धरती को हमने नाप लिया,
हम चांद सितारों तक पहुंचे ।
कुल कायनात को जीत लिया,
खाली इन्सान गंवा बैठे ।
मजहब के ठेकेदारों ने..
 आज फिर हमे युं भडकाया ।
के काजी और पंडित जिन्दा थे,
हम अपनी जान गंव...

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 NA JEENE KI KHUSHI NA MARNE KA GUM - SHAYRI

ना जीने की खुशी ना मरने का गम,
बस तुमसे मिलने की दुआ करते है हम,
जीतें है इस आस पर एक दिन तुम आओगे,
मरते इसलिए नहीं क्युँकी अकेले रह जाओगे.. 
...
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MAINE JMANE KE EK BEETEY - SHAYRI


मैंने ज़माने के एक बीते दोर को देखा है
दिल के सुकून को और गलियों के शोर को देखा है
मैं जानता हूँ की कैसे बदल जाते हैं इन्सान अक्सर
मैंने कई बार अपने अंदर किसी ओर को देखा है। 
..
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ARREY HME TOH APNO NE HI LUTA - SHAYRI

अरे हमें तो अपनों ने लूटा,
गैरों में कहाँ दम था.
मेरी हड्डी वहाँ टूटी,
जहाँ हॉस्पिटल बन्द था.
मुझे जिस एम्बुलेन्स में डाला,
उसका पेट्रोल ख़त्म था.
मुझे रिक्शे में इसलिए बैठाया,
क्योंकि उसका किराया कम था.
मुझे डॉक्टरों ने उठाया,
नर्सों में कहाँ दम था.
मुझे जिस बेड पर लेटाया,
उसके नीचे बम था....
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GHAAV ITNA GEHRA - SHAYRI

घांव इतना गहरा है बयां क्या करे,
हम खुद निशाना बन गये अब वार क्या करे,
जान निकल गयी मगर खुली रही आंखें,
अब इससे ज्यादा उनका इंतजार क्या करे. ...

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